Saturday, February 18, 2012

पुदीना : ठंडा-ठंडा, कूल-कूल

पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह चटनी भूख को खोलती है। खाँसी होने पर पुदीने व अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है। यदि लगातार हिचकी चल रही हो तो पुदीने में चीनी मिलाकर धीरे-धीरे चबाएँ। कुछ ही देर में आप हिचकी से निजात पा लेंगे। यदि आपको टॉंसिल की शिकायत रहती है, जिनमें अक्सर सूजन हो जाती हो तो ऐसे में पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर गरारा करना चाहिए। दिनभर बाहर रहने वाले लोगों को तलुओं में जलन की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पिसे पुदीने को तुलओं पर लगाना चाहिए, राहत मिलती है। सूखा या गीला पुदीना छाछ, दही, कच्चे आम के पने में पिया जाए तो पेट में होने वाली जलन दूर होकर ठंडक मिलती है। लू से भी बचाव होता है। जहरीले कीट के काटने पर उस जगह पिसा पुदीना लगाना शीघ्र लाभ पहुंचाता है। पुदीने की पत्तियां धीरे-धीरे चबाने से भी रोगी को राहत मिलती है।

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